~© Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) मेरी सांवली आंखो में आज खुद मैं ही बह रही थी; और तुम किनारे खड़े इन लहरों पर लिख रहे थे एक "कविता"। इस प्रणय अलाप में