वाणी ऐसी बोलिए ,चांदनी सा शीतल चंदन। ज्वाला को भी शांत करें, जगा सके जड़ में चेतन ।। मीठी वचनों की धारा से,होता कटुता का स्वयं शमन। गम दुख सब मिट जाता ,बहने लगता शीतल पवन।। - अंशु वाणी