जिन्दगी में कोई आस ना रहे , तुम पास हो तो कोई प्यास ना रहे ,ओ हमसफ़र मेरे हमसफ़र जिम्मेदारी का कोई घर ना बनाना ,मोहब्बत से इक आशियाँ सजाना ,ओ हमसफ़र मेरे हमसफ़र मुझे तुम मुझसे भी ज्यादा समझना, जो कह ना सकूँ मेरी आँखों को पढ़ना ,ओ हमसफ़र मेरे हमसफ़र तुम मेरे हर दर्द की दवा बन जाना ,घाव कोई भी हो तुम उसपे मरहम लगाना ,ओ हमसफ़र मेरे हमसफ़र जिन्दगी ने किये लाखों सितम, करना तुम मुझपे करम ,ना छोड़ना मेरा हाथ ,ओ हमसफ़र मेरे हमसफ़र इस खूबसूरत बंधन को सजाऐं रखना,जन्मों -जन्मों तक साथ बनाएँ रखना ,,,ओ हमसफ़र मेरे हमसफ़र ।।।। 🎀 Challenge-196 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।