पनाह तेरी जो मिली हमें कुछ और अब ना चाहें हम तेरे प्यार की शीतलता में भूल गए अब हम अपने सारे ग़म 🌝प्रतियोगिता-153🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"पनाह"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I