रुक हवा तू ना जा आज अकेली है कहां पता, है कहां ठिकाना रोज की तरह यही तो माना साहिल से तो पूछ ठिकाना टूट रहा है रोज उसका घराना ए हवा मुझे बता तू अपना ठिकाना दूर है तेरा ठिकाना था तो आज ना जाना देख ले तू मेरे साथ इस संसार का नजराना ठुकराना ना आज मुझे, तेरे साथ जाना रुक हवा तू ना जा आज अकेली है कहां पता, है कहां ठिकाना रोज की तरह यही तो आना #NojotoQuote #nojoto #poetry #hindipoetry #sad #udas #love #alone #hindi #alonepoetry