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स्याह घनी रात, सर्द हवाये

स्याह घनी रात,
                         सर्द हवायें,
     चारो तरफ पसरा सन्नाटा।
                         मेरा कमरा,
   एक धीमी लौ की मोमबत्ती,
                          एक मेंज,
  मेंज पर कुछ बिखरे हुये पन्ने,
                        मेरी कलम ,
              मैं और मेरी आँखें ।
          मेरी आखों में दुनियाँ,
         दुनियाँ में वही मन्जर,
                 स्याह घनी रात,
        सर्द हवायें............. #Raat Satyaprem Havaruni Dueby Babita Kumari Nirmal Kumari Mamta
स्याह घनी रात,
                         सर्द हवायें,
     चारो तरफ पसरा सन्नाटा।
                         मेरा कमरा,
   एक धीमी लौ की मोमबत्ती,
                          एक मेंज,
  मेंज पर कुछ बिखरे हुये पन्ने,
                        मेरी कलम ,
              मैं और मेरी आँखें ।
          मेरी आखों में दुनियाँ,
         दुनियाँ में वही मन्जर,
                 स्याह घनी रात,
        सर्द हवायें............. #Raat Satyaprem Havaruni Dueby Babita Kumari Nirmal Kumari Mamta