Nojoto: Largest Storytelling Platform

दर्द का भी तुम देखो होता है हिसाब अपना कभी जीने



दर्द का भी तुम देखो
होता है हिसाब अपना
कभी जीने के लिए है जरूरी
कभी बीमार कर रहा है

मिला तो हमें बहुत है
गिनते हम कहाँ है
पुराना जख़्म भर गया है
नया इंतज़ार कर रहा है

समझते हैं वो मजबूरी
कुछ काम हैं जरूरी
हल्की आग सुलग रही है
धुआँ बेशुमार उठ रहा है...
© abhishek trehan



 🎀 Challenge-270 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 63 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।


दर्द का भी तुम देखो
होता है हिसाब अपना
कभी जीने के लिए है जरूरी
कभी बीमार कर रहा है

मिला तो हमें बहुत है
गिनते हम कहाँ है
पुराना जख़्म भर गया है
नया इंतज़ार कर रहा है

समझते हैं वो मजबूरी
कुछ काम हैं जरूरी
हल्की आग सुलग रही है
धुआँ बेशुमार उठ रहा है...
© abhishek trehan



 🎀 Challenge-270 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 63 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।