मैं तुम्हे कुछ बताना चाहता हूँ, तुम्हे फिर अपना बनाना चाहता हूँ, कब तक सवारूँ तुम्हे कल्पनाओं में, मै तुम्हे हकीकत बनाना चाहता हूँ, तुम मेरा सच हो कोई ख्याल नही, यही तो मैं तुम्हे समझाना चाहता हूँ, मुझे बारिशें पसंद है बोहोत समझी ना, मैं बस तुम्हारे साथ भीग जाना चाहता हूँ, अब नही उठाया जाता ये यादो का बोझ मुझसे, लौट आओ मै फिर जी जाना चाहता हूँ... ©Ajay Chaurasiya #चाहता हूँ...