ना किस्मत से कोई गिला है मेरे दिल ने मुझसे निभाई वफ़ा है तुम मिले देर से तो क्या हुआ आखिर तुम मिले तो सही इतना बहुत है मयस्सर ज़िन्दगी के लिए तकदीर के इशारों पर घूमता है इंसान रब के फैसले पर सवाल कैसा छोटी सी ज़िन्दगी समझ सको तो समझो मुझे झूठी मंजिलों की पहुँच का अभिमान कैसा नश्वर है सब क्षणभंगुर है तुम मिले तो यकीन हुआ कि सादगी ने श्रृंगार को मात दी है तुम्हारी कजरारे नैनों वादियों को खुशियां नायाब दी है किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है- ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे #देरसे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi