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कुछ करने का मन न करे तो न करना। कभी अल्फ़ाज़-ए-बयां

कुछ करने का मन न करे
तो न करना।
कभी अल्फ़ाज़-ए-बयां रास न आए
तो न बोलना।
कुछ न करना, कुछ न बोलना
राहत-ए-दिल होते हैं।
क्यों कि न बोल कर अगर कोई समझ जाए,
वह जिंदगी में हरदम साथ रहते हैं।।

©BINOदिनी #Hum #हमसफ़र
#तुम_और_मैं
कुछ करने का मन न करे
तो न करना।
कभी अल्फ़ाज़-ए-बयां रास न आए
तो न बोलना।
कुछ न करना, कुछ न बोलना
राहत-ए-दिल होते हैं।
क्यों कि न बोल कर अगर कोई समझ जाए,
वह जिंदगी में हरदम साथ रहते हैं।।

©BINOदिनी #Hum #हमसफ़र
#तुम_और_मैं