कुछ करने का मन न करे तो न करना। कभी अल्फ़ाज़-ए-बयां रास न आए तो न बोलना। कुछ न करना, कुछ न बोलना राहत-ए-दिल होते हैं। क्यों कि न बोल कर अगर कोई समझ जाए, वह जिंदगी में हरदम साथ रहते हैं।। ©BINOदिनी #Hum #हमसफ़र #तुम_और_मैं