मेरे नाना का चश्मा पहन के उन्हें अच्छा दिखता था बस चश्मा अच्छा नही दिखता था वो तो खुद बिन चश्मे के देख पाते थे पर उसी चश्मे से मुझे दुनिया दिखाते थे चश्मा पहनलेने से कोई रास्ता याद रहता था पहने वो थे याद मुझे रहता था अरे नाना left नही right लो और साथ मे chocolate तो ले लो नाना बोले बिल्लू क्या खाया मम्मी को नही बताना और बोले खाने मे एक रोटी ज्यादा खाना वरना बिल्लू तुम पकडे जाओगे फिर दोबारा चाऊमीन कैसे खा पाओगे नाना का चश्मा भले ही टूटा फूटा अधूरा है मेरी सब जिद करता वो पूरा है टूटे चश्मे ने घर को जोडा है Fancy चश्मो ने तो बस घर तोडा है Billu will read and feel this poetry in future ©#maxicandragon #NanaKaChashma #Billu #SadharanManushya #BrokenSpecs #Bonding #Family #NewGeneration #WesternCulture