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तेरे मेरे दरमियान यह फ़ासला क्यूं आ गया, मैं बदला

तेरे मेरे दरमियान यह फ़ासला क्यूं आ गया,
मैं बदला नहीं हूं, तुझे कोई और है भा गया।
मैं तो आज भी बैठा हूं, तेरी एक आवाज़ के लिए,
दिल में खंजर उतार दूंगा, एक दग़ाबाज़ के लिए।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #तेरे #मेरे #दरमियान