मेरे शिव प्रेम ताल में जाल रचे है प्रेमी तू या प्रेम तेरा प्रेम जाल में फंस जाए तुझमें रमता अस्तित्व मेरा राह नज़र ना आए फिर भी ना जाने क्यों लगता है खो जाऊँगा गर मैं तुझमें पा जाऊंगा अक्स मेरा तू ही मेरी वह मंजिल है जिसको पाना हाँ मुश्किल है चाह मेरी तुझमें मिलना है ना चाहता कुछ और ये दिल है तुझसे ही आरम्भ है मेरा अन्त तुझ ही में मिलता है मेरे अन्तर्मन में भोले तू इक कमल पुष्प सा खिलता है प्रेम को परिभाषित करता है तेरा ही इक नाम मेरे शिव तेरा जप बस तेरा ही जप करना है अब काम मेरे शिव।। #मेरे_शिव #ॐ_नमः_शिवाय