Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब महफ़िल मे बैठे हैं और दोस्त कहें महफ़िल में तुम

जब महफ़िल मे बैठे हैं
और दोस्त कहें महफ़िल में तुम्हारे बिना सब सुना सुना लगता है तुम्हारी बाते सुनकर
महफ़िल मे एक नया उत्साह उत्पन्न हो जाता है फिर महफ़िल एक नया रूप धारण कर लेती है महफ़िल मे तुम जैसा दोस्त नहीं है तो महफ़िल महफ़िल जैसे नहीं लगती है जैसे ही सब दोस्त मिलकर संगीत गाते है आनंद प्राप्त होता है सब दोस्त फिर अपने-अपने क़िस्से सुनाते है इस प्रकार महफ़िल का आनंद प्राप्त करते है फिर शाम तक इस प्रकार बाते होती है जैसे ही सूरज ढलने लगता है सब दोस्त अपने-अपने घर की ओर चले जाते है।

©Nikita Garg
  महफ़िल 
#mahfil #thought #nojotohindi #Quote #Kissey  #Fun_of_the_Day  R Ojha Shiv Narayan Saxena Madhusudan Shrivastava  "अब्र" 2.0 कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि"