पहले मैं सोचता था वो मुझसे जुदा न हो अब चाहता हूँ उससे मेरा सामना न हो जितना बुरा हुआ है मुहब्बत में मेरे साथ या रब किसी के साथ भी इतना बुरा न हो महबूब चुनते वक़्त रखें आप ये ख़याल सौ ख़ामियाँ हों उसमें मगर बेवफ़ा न हो जिस्मानी दूरियों का नहीं है कोई मलाल लेकिन दिलों के बीच कोई फ़ासला न हो बेइंतिहा हसीन हो मैं कैसे मान लूँ मेरे इलावा कोई तुम्हें चाहता न हो करना है दिल का हाल बयां आपसे हमें और ये भी देखना है कोई देखता न हो दिल से उसे पुकार करेगा तेरी मदद ऐसी कोई जगह है जहाँ पर ख़ुदा न हो ख़्वाहिश है मेरी कब से कि हो दिल के आर पार अबके चला वो तीर निशाना ख़ता न हो कोई जाके सितमगर से ये कहे अबके सितम करे तो कोई इन्तिहा न हो credit:A.R. Mansoor sir ©Sachin Chaudhari #Love #beakup #जुदा #प्यार #hills