मन की आखों से देखों क्योंकि SaWaaL तुम्हें अपने हाथों मे महसूस किया है, फिर तुम इन लकीरों मे क्यूं नही ? हर दिन बाद-ऐ-सबा बनकर इस बदन से लिपट जाती हो, फिर तुम इन बाहों मे क्यूं नही ? बसीरत फना नही होगा खुदा के किसी दस्तूर से, तुम अगर मेरी मंजिल थी, तो अब इन राहों में क्यू नही ? ©Vijay Mishra #Hindi #Sawal #Shayar