क्या हुआ अगर इक और नीड़ तिनका-तिनका हो बिखर गया क्या हुआ मिलन से पहले ही जो रंग मेहंदी का उतर गया क्या हुआ उम्रभर शनैः शनैः हर रोज मुझे मरना होगा क्या हुआ अगर दुर्गम-पथ पर निष्प्राण-देह चलना होगा सूरज का तो जीवन ही है दिनभर तपना फिर ढल जाना मैं बेटा न बन पाया तुम अच्छी बेटी बन जाना ।। #mysecondquote #qoatforlady #tum_achchhi_beti_ban_jana