"तेरे यार भतेरे ने मेरा तू ही है बस यारा" " तेरे नाल होना ऐ गुज़ारा जट्टी दा मेरा नहीयो होर कोयी हाल किसे नाल " दृश्य 1 : एक सुन्दर सरोवर जिसमें तरह तरह के फूल खिले हैं और विभिन्न प्रकार के जलचर जल की क्रीङाये कर रहे हैं...आसपास ऊँचे पर्वत और उनसे कुछ कम ऊंचे देवदार के बड़े बड़े वृक्ष और साथ ही है एक कंदरा जिसमें देवी पार्वती विराजमान हैं...बाहर देवी की सहचरिकायें पहरा दे रही हैं आपस में हंसी ठिठोली कर रही हैं...सहसा एक ध्वनि से उनका ध्यान हंसी मज़ाक से हटकर उस ध्वनि की दिशा में जाता है... "ॐ भगवते वासुदेवाय नमः" एक कृशकाय तरुण संन्यासी जिसकी दाढ़ी घनी है जिसके सभी बाल काले हैं पर कुछ सफेद बाल उन काले बालों के बीच से झाँक रहे हैं...तन पर कपड़ों के नाम पर एक भगवा लंगोट बांधे है और एक लाठी के सहारे झुका झुका चला आ रहा है बहोत ही जर्जर अवस्था में...