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White अपनेपन की  बातें अब तो महज दिखावा लगती हैं..

White अपनेपन की  बातें अब तो
महज दिखावा लगती हैं...
जो भी अब नजरें मिलती हैं 
महज  छलावा लगती हैं...
अहसासों का भान नहीँ  है
कुछ  ना यार समझते हैं....
जितना  भी  हमनें जाना है
सब मतलब से मिलते हैं.....
रिश्तों का है मोल नहीँ कुछ 
अब सब कुछ ही पैसा है....
देखो- देखो  हर  इंसा  अब
महज  स्वार्थ  में  अंधा है....
अजी कोई बातें कुछ करता है 
तो कोई कुछ बतलाता है....
जो  मिलता है अपना बनकर 
घात लगाकर  ही जाता हैं....
जो  रिश्तों  को  ना  ही  माने 
अजी वो  कैसा  ही इंसा है...
उसकी  नजरें  महज  छलावा 
बस  नीयत  में  धोखा  हैं.......

©ANOOP PANDEY
  #बातें_अनकही 💚 Anshu writer vineetapanchal Sweety mehta PRIYANKA GUPTA (gudiya) Shilpa Yadav