पल भर के लिए दहक रहा दिल का जंगल यादों की चिनगारी फूटी है तिनके जैसा जल उठा हूँ मैं जाने क्यों किस्मत रूठी है ये सावन की सर्द हवाएं भी न दिल को ठंडक पहुँचाती हैं ये बारिश की बूँदें फिर फिर छू कर के बहुत सताती हैं कह दो अपनी यादों से सावन बीता अब जाने दो बहुत जला यादों में तेरी अब तो तुम्हें भुलाने दो… #पल_भर #दिल #गम #जुदाई #याद