मुकम्मल ख्वाब मिलेगी दोस्त थोड़ा सा वक्त तो लगेगी दोस्त और फिर रात भला कब तक चलेगी सुबह की लौ भी तो जलेगी दोस्त #shayri #Goal #CalmingNature