प्रेम का अध्याय फिर आरंभ हो जाए सत्य कहने दो मुझे ना दंभ हो जाए प्रेम पथ पर आ ना जाए फिर कोई बाधा अब नहीं रोको मुझे ना विलंब हो जाए आओ अबकी बार कुछ इस तरह मिले प्रेम की नदिया मिले और कुम्भ हो जाए ~ प्रणव पाराशर कुम्भ हो जाए....