ज़िंदगी तेरी हर करवटों में लुत्फ आता रहा,,,,, मैं खुद को खुद से ही हर वक्त छुपाता रहा,,,,, जिन हाथों ने किए मेरे अरमानों को कत्ल,,,,, बड़ी शान से क्यूँ उन्हें, मैं अपना बताता रहा,,,!! सौरभ शुक्ला सचिन साधारण