आज लड़की हूँ, कल औरत बनूँगी खुद को भूलकर "मैं" सबको चुनूँगी कहीं ख़्वाब आँखों में छिपा रहेगा "मैं" हकीकत बनकर, सबसे मिलूँगी नया सा जब कोई कल द्वार दिखेंगा वही सपनों की चादर ओढ़कर सजूँगी वो किस्सा रात का रात ही छोड़कर फ़िर प्रातः भौर का "मैं" गीत सुनूँगी लगा, राह नई, कोई साथ नया सा "मैं" उसी नए के ही साथ दिखूँगी पल-पल जब कोई ढूंढेगा मुझे "मैं" बन धड़कन कहीं और बंधुँगी बदलते ख़्वाब जहाँ नज़र आएँगे फ़िर, यादों संग भी "मैं" वही बसूँगी दिल की ख्वाहिश अधूरी मिटाकर दिल को फ़िर संभाल कर रखूँगी आज लड़की हूँ, कल औरत बनूँगी खुद को भूलकर "मैं" सबको चुनूँगी ~Akshita Jangid ©Akshita Jangid(poetess) #love #write #Nojoto #2022 #long_time #poetry #gazal #weeding #hindi_poetry #akshitajangidpoetess