कोरोना हूँ मैं तो, चला जा रहा हूँ ,बड़ा ही विनाशक मेरा सफ़र है ।। पता पूछते हो ,तो इतना पता है ,कि मेरा ठिकाना चाईना शहर है ।। क़यामत ही मेरा अनोखा जहाँ है, दहशत-ए-क़ज़ा मेरी हसीं दास्ताँ है, नाम जो भी सुनता है वो कांपता है वो जादू है इसमें कुछ ऐसा असर है ।। कोई लॉकडाउन मे न आता नज़र है फ़क़त राहों में खड़ा अकेला शज़र है, जिसे देखिये वो डरा जा रहा है ,जहाँ तक कोरोना की दूजी लहर है ।। बाहर हो जाना,मास्क जरुरी लगाना,मिलना किसी से, दो गज दुरी बनाना, ये कोरोना बिमारी बड़ी प्रलयंकारी, सभी को पता है सभी को खबर है ।। लापरवाही करे जो सो पछताये ,दिखाये जो समझदारी वो जीवन बचाए, बच बचाके रहना है अपनी जिम्मेदारी,बाकी सब रहमत अल्लाह ऊपर है ।। ©SUBASH YADUVANSHI #corona #Corona_Lockdown_Rush #lockdown #my #Shayari #subashyaduvanshipoetry #poem #Poetry #writer #Health