उम्र के साथ धराशायी हैं, सपने कितने उत्तरदायी हैं । युद्ध जीवन का , सेना आशा - लड़ती ,मर नींदें स्थायी हैं । आप गिर - पड़ सपने धुंधले फिर, आंखें ही आपको परायी हैं । ©BANDHETIYA OFFICIAL #“उत्तरदायी” सपने! #Remember