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सुप्रभात ऊपरवाला जी खून के रिश्ते में बांधना भूल ज

सुप्रभात ऊपरवाला जी खून के रिश्ते में बांधना भूल जाता है उन्हें सच्चे मित्र बनाकर  है अपनी भूल सुधार देते हैं जिनके पास अपने हैं वह अपने अपने से झगड़ा करते हैं जिनका कोई नहीं अपना वह अपनों को तरसते हैं कल ना हम होंगे ना गिला होगा सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा जो लम्हे हैं चलो हंस कर बिता ले जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा

   श्रवण

©Javed bhai Meravi
  चोटी सी सायरी

चोटी सी सायरी #कविता

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