"काँपती उँगलियाँ"
सुनो चलो न बूढ़े माँ बाप की उन कापती उँगलियों को आज थाम लेते है ,
उनके साथ बैठ के, बाते कर के उन्हें थोड़ा सुकून, थोड़ा आराम देते है।
जो बचपन से सीधे बुढ़ापे के सफर पे चल दिये,
उनके इस सफर को थोड़ी सी खुशियों का इनाम देते है।
हमारी बचपन जवानी के लिए जिसने अपनी जवानी गवा दी, #NojotoTMP