"यह तो नहीं पता... पहली दूसरी या आखिरी, किस जगह हूँ मैं... पास या दूर, अपना या गैर, शायद कहीं न कहीं तो हूँ ही, दूर हूँ तो शायद... यादों की संदूक में महकती होऊँगी, पास हूँ तो शायद... हँसी की खनक में झलकती होऊँगी, यह तो नहीं पता... दिल, दिमाग या एहसास, किस तरह से हूँ मैं... पास या दूर, अपना या गैर, शायद कहीं न कहीं तो हूँ ही..." ©️ संगीता पाटीदार 'एहसास - दिल से दिल की बात से' #YQbaba #love #shayari #ehsaas #YQdidi