कुछ स्वप्न अधूरे रह जाते हैं कुछ प्रीत अधूरे रह जाते हैं नव-जीवन के संगीत अधूरे रह जाते हैं फिर भी मधुरस में जाना है निर्झर से प्रीत निभाना है अधूरे-पन में भी मधुमय वसंत को जगाना है ...✍भारती कुमारी भारती कुमारी