डॉक्टर्स डे "गज़ल" रुकी हुई सांसों के, दो तार हो तुम, हर तत्कालीन घड़ी में, तत्पर तैयार हो तुम।। जिनको परिवार ने छोड़ा था कोरोना काल में, उन कवारांटेन मरीजों के, भगवान् हो तुम।। दया, प्रेम, कर्म से सदा, अपनों के पास हो तुम, जीने की हिम्मत हारेे लोगों की, एक सच्ची अरदास हो तुम।। किसी की आस तो, किसी के हीरों हो तुम, आधी जिंदगी देश हित गवाई, आधी अपनों में जी रहे हो तुम।। अंधकार भरे बुरे वक्त में, निरंतर जलते चिराग हो तुम, पुण्य कार्यों में जान गवाई, जैसे ख़ुदा की जान हो तुम।। @charpota_navin_🪢 ©Navin #डॉक्टर्स_डे #deedaarealfa #pustakratna