मौसम-ए-सर्दी तो.. दोनों काट ही लेंगे, मेरे जज्बों में गर्मी है.. तेरे हाथों में चादर है। तेरी नसीहत.. मेरी सर-आखों पे है.. मगर मेरा जो सफर है.. तेरी समझ से बाहर है | #nimZzz