कोई गम की दास्तान सुनाओ 'फ़िराक़' बहुत देर हुई की अब आओ 'फ़िराक़' यादों की चादर तान अब तक सोओगे हुआ सबेरा अब उठ जाओ 'फ़िराक़' दुनिया गम के गीत गाती है,गाती रहेगी कोई अपनी नई रुबाई सुनाओ 'फ़िराक़' सितारों से यूँ कब तक उलझोगे अब फ़लक से लौट भी आओ 'फ़िराक़' #firaqgorakhpuri#bithanniversary#greaturdupoet Remembering Firaq Gorakhpuri on his birth anniversary आने वाली नस्लें तुम पर फ़ख़्र करेंगी हम-असरो जब भी उन को ध्यान आएगा तुम ने 'फ़िराक़' को देखा है:-फ़िराक़ अब अक्सर चुप-चुप से रहे हैं यूं ही कभू लब खोले हैं