वो कश्तियां तेरी ही थी जिन्हें तू मजधार में छोड़ आया, तेरे चाहने वालों को तू हाहाकर में छोड़ आया। जिस दौलत की ख़ातिर किया अपनों से किनारा, आख़िरी दरवाज़े पर दौलत तो क्या अपनी सांसे भी पीछे छोड़ आया।। - राहुल कांत वो कश्तियां तेरी ही थी जिन्हें तू मजधार में छोड़ आया, तेरे चाहने वालों को तू हाहाकर में छोड़ आया। जिस दौलत की ख़ातिर किया अपनों से किनारा, आख़िरी दरवाज़े पर दौलत तो क्या अपनी सांसे भी पीछे छोड़ आया।। - राहुल कांत #FloatingBoat #Kashtiya #daulat #Love #Family #relation #Left #Quote #suvichar #raahulkant