गजब ही लोग है जो तेरे दीवाने हैं। तू बेवफा है सारे के सारे जाने हैं। कितने दिल लूट कर भरे तुमने। ये जो हुस्न के तेरे दौलतखाने हैं। इंद्रधनुष के बाद का सूनापन। धरती देखे है, आसमां जाने हैं। किसको दूं मैं विरासत में सोनछड़ी। सब तमाशे तो यहीं रह जाने हैं। याद रखेंगे किनारे हर लहर की छुअन। उनको आना है फिर आ के लौट जाने हैं। मुझको तेरा बहुत यकीं है हुए जाता। मुझको मालूम है ये बात सब बहाने हैं। ये अश्क गीत गजल और शोहरत। तुमसे जुदाई के हंसी नजराने हैं। तुमने मुझे भी अजनबी कर डाला। हमने भी माना हम जमाने हैं। ©निर्भय चौहान #IFBPoetry #IFBStory #Red