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तेरी पाजेब की छन-छन, मानों सुरीली सरगम कोई, तेरी आ

तेरी पाजेब की छन-छन,
मानों सुरीली सरगम कोई,
तेरी आँखों का कजरा तो,
जैसे सौ पूनम के चाँद कहीं।

लहराता आँचल है जैसे,
सारी हवा पहन के आया हो।
कुछ गीत तुम्हारे मुख के,
विश्व की सारी मधु भर लाया हो।

स्पर्श तुम्हारे स्नेह का,
जैसे कोई मखमल का गोदाम हैं।
बुध्दि चातुर्य तुम्हारी शरण में,
जैसे मुझे सरस्वती का वरदान हो।

सारी खुशियाँ तुम्हारे पल्लू में,
कस के बाँधे तज़ुर्बे, सिक्का जैसे,
हँसी तुम्हारी मेरी जान है,
परवाह-झुर्रियों का साथ पक्का जैसे।

मेरी दुनिया,मेरा होना तुझसे,
मेरी बोली तेरी रोटियों संग सिकती,
मेरी मौजूदगी हो न हो घर में,
तेरी पाजेब की धुन बंद नही हो सकती।

माॅं तेरी बोली जब कानों में हो,
भरे दर्द में राहत तेरी मोहब्बत है,
तेरी फिक्र हर शाम घर बुलाती है,
तू ही तू दिल-ओ-जान और चाहत है।  ☘️Day 6☘️
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
तेरी पाजेब की छन-छन,
मानों सुरीली सरगम कोई,
तेरी आँखों का कजरा तो,
जैसे सौ पूनम के चाँद कहीं।

लहराता आँचल है जैसे,
तेरी पाजेब की छन-छन,
मानों सुरीली सरगम कोई,
तेरी आँखों का कजरा तो,
जैसे सौ पूनम के चाँद कहीं।

लहराता आँचल है जैसे,
सारी हवा पहन के आया हो।
कुछ गीत तुम्हारे मुख के,
विश्व की सारी मधु भर लाया हो।

स्पर्श तुम्हारे स्नेह का,
जैसे कोई मखमल का गोदाम हैं।
बुध्दि चातुर्य तुम्हारी शरण में,
जैसे मुझे सरस्वती का वरदान हो।

सारी खुशियाँ तुम्हारे पल्लू में,
कस के बाँधे तज़ुर्बे, सिक्का जैसे,
हँसी तुम्हारी मेरी जान है,
परवाह-झुर्रियों का साथ पक्का जैसे।

मेरी दुनिया,मेरा होना तुझसे,
मेरी बोली तेरी रोटियों संग सिकती,
मेरी मौजूदगी हो न हो घर में,
तेरी पाजेब की धुन बंद नही हो सकती।

माॅं तेरी बोली जब कानों में हो,
भरे दर्द में राहत तेरी मोहब्बत है,
तेरी फिक्र हर शाम घर बुलाती है,
तू ही तू दिल-ओ-जान और चाहत है।  ☘️Day 6☘️
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
तेरी पाजेब की छन-छन,
मानों सुरीली सरगम कोई,
तेरी आँखों का कजरा तो,
जैसे सौ पूनम के चाँद कहीं।

लहराता आँचल है जैसे,