बेजुबानों की जुबान ©vibrant writer जो बेजुबान बोल नहीं पाते, सालों पिंजरे में जिंदगी बिताते, कभी किसी का खाना बन जाते, कभी दिखावे का चमड़ा बन जाते, ना चाहते हुए भी बालों को खिंचवाते, ना चाहते हुए भी मनोरंजन बन जाते, यू ही बस दर्द सहते जाते, सहते जाते, फिर एक दिन उनका भी हिसाब होता, जो इनको जिंदगी से लेकर मृत्य तक सताते। बेजुबानों की जुबान ©vibrant writer जो बेजुबान बोल नहीं पाते, सालों पिंजरे में जिंदगी बिताते, कभी किसी का खाना बन जाते, कभी दिखावे का चमड़ा बन जाते, ना चाहते हुए भी बालों को खिंचवाते, ना चाहते हुए भी मनोरंजन बन जाते,