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पिछली शताब्दी में भारतीय इतिहास के सबसे बड़े नामों

पिछली शताब्दी में भारतीय इतिहास के सबसे बड़े नामों में महात्मा गांधी का नाम शीर्ष पर है केवल भारत ही नहीं वरना समूचे विश्व में गांधी दर्शन से बहुत कुछ सीखा है और उनका स्थान आधुनिक काल के सर्वश्रेष्ठ विचारों को और क्रांतिकारी दीप कारण अधिकारियों में आता है सत्याग्रह अहिंसा श्रीमान और स्वाधीनता के मूल्यों के प्रतिनिधि करने वाले महात्मा को समझने के लिए उनके जीवन का सूक्ष्म अध्ययन करना आवश्यक है गांधीजी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग में हम यह कहने का अवसर प्रदान करती है कि 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में एक गुजराती व्यापार परिवार के करमचंद गांधी और पुतलीबाई के संतान के रूप में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी तीन बहन और तीन भाइयों में सबसे छोटे जो कथा 1918 से शुरू हुई थी वह 10:00 के बाद जाकर विराम लेती है और अपने ही पूर्व राष्ट्रीय राष्ट्रीय चेतना के बनाने की कहानी बताती है 5 अध्यायों में विभक्त यह पुस्तक आत्मकथा कर्म और आवेदन ज्यादा प्रतीत होती है जहां गांधी जी ने अत्यंत ईमानदारी से अपने जीवन के अनुभवों को दर्जा किया साथ ही एक कुशल विशेषज्ञ है उन्होंने अपने एक एक एक उनके पीछे के परिणाम उस समय की अपनी स्थिति और उन कामों के प्रभाव का वर्णन किया है एक हर तरह के अध्ययन उनके जीवन में एक कालखंड को समर्पित कर यह पुस्तक में शीला सिलेबस ढंग से लिखे गए हैं पहला भाग उनके बचपन परिवार पर अमरीका के बारे में विस्तार से बताता है यह हम उनके बाल विवाह के बारे में जानते हैं कि जब 13 साल की उम्र में उनकी और कस्तूरबाई की शादी हो जाती है

©Ek villain #आत्मा अनिवेश अंगद  और उदाहरण

#Thoughts
पिछली शताब्दी में भारतीय इतिहास के सबसे बड़े नामों में महात्मा गांधी का नाम शीर्ष पर है केवल भारत ही नहीं वरना समूचे विश्व में गांधी दर्शन से बहुत कुछ सीखा है और उनका स्थान आधुनिक काल के सर्वश्रेष्ठ विचारों को और क्रांतिकारी दीप कारण अधिकारियों में आता है सत्याग्रह अहिंसा श्रीमान और स्वाधीनता के मूल्यों के प्रतिनिधि करने वाले महात्मा को समझने के लिए उनके जीवन का सूक्ष्म अध्ययन करना आवश्यक है गांधीजी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग में हम यह कहने का अवसर प्रदान करती है कि 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में एक गुजराती व्यापार परिवार के करमचंद गांधी और पुतलीबाई के संतान के रूप में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी तीन बहन और तीन भाइयों में सबसे छोटे जो कथा 1918 से शुरू हुई थी वह 10:00 के बाद जाकर विराम लेती है और अपने ही पूर्व राष्ट्रीय राष्ट्रीय चेतना के बनाने की कहानी बताती है 5 अध्यायों में विभक्त यह पुस्तक आत्मकथा कर्म और आवेदन ज्यादा प्रतीत होती है जहां गांधी जी ने अत्यंत ईमानदारी से अपने जीवन के अनुभवों को दर्जा किया साथ ही एक कुशल विशेषज्ञ है उन्होंने अपने एक एक एक उनके पीछे के परिणाम उस समय की अपनी स्थिति और उन कामों के प्रभाव का वर्णन किया है एक हर तरह के अध्ययन उनके जीवन में एक कालखंड को समर्पित कर यह पुस्तक में शीला सिलेबस ढंग से लिखे गए हैं पहला भाग उनके बचपन परिवार पर अमरीका के बारे में विस्तार से बताता है यह हम उनके बाल विवाह के बारे में जानते हैं कि जब 13 साल की उम्र में उनकी और कस्तूरबाई की शादी हो जाती है

©Ek villain #आत्मा अनिवेश अंगद  और उदाहरण

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Ek villain

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