मैं ह्रदय तू कल्पना ,आनंद मैं तू छोर है.. तुझे सोचने का ऋतिका, मजा ही कुछ और है... मैं पतंगा तू सुमन, स्वप्न मैं तू भोर है .. नैनो से दर्पण बांधे जो, तू मिलन की डोर है.. तुझे सोचने का रितिका कुछ मजा ही और है... तुझे सोचने का रितिका कुछ मजा ही और है..