तपती धूप में ममता रूप में बैठ सेंकती रोटी माँ.. "शेष अनुशीर्षक में" तपती धूप में ममता रूप में बैठ सेंकती रोटी माँ.. हाथ जले पर जलती ना रोटी ऐसे सेंकती रोटी मांँ... जून महीना बहता पसीना फिर भी वो खुश रहती है