चाँद! तुम सो रहे हो... यों हमें तन्हा कर के मत जाओ, हम तो पहले ही तन्हा हो चुके, यों तन्हाई का अब दर्द न जगाओ, हमसफ़र नहीं अग़र बन सकते, कम से कम हमराज़ बन जाओ, यों मौत न अग़र मिल सके तो, ज़िन्दगी का बहाना ही बन जाओ। चाँद! तुम सो रहे हो... मेरी बेचैन साँसों का इज़हार करो, औरों की तरह मत हमें सताओ, जानता हूँ, मुझ से जुदा हो तुम, मेरे ख़्वाबों की वजह तो बन जाओ, मेरे दिल की चुभन को तो समझो, कुछ तो शीतल तुम कर ही जाओ, यों मौत न अग़र मिल सके तो, ज़िन्दगी का बहाना ही बन जाओ। रात में बातें करने के लिए जब कोई नहीं होता है पास ऐसे में चाँद से अच्छा दोस्त कौन हो सकता है मगर कभी-कभी उसको भी नींद आ जाती है। उसे उठाइए, बातों के लिए मनाइए #चाँद #collab