जहां सिर्फ मेरे कदमों के निशां हैं।कभी बनते कभी मिटते,अधूरी मंजिलों के पैग़ाम हैं। तलाश ताउम्र खत्म होती नहीं,उन्हीं अधूरे कारवों के ये अफसाने आम हैं। एक ज़मीं मेरी भी है... #मेरीज़मीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi