अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं रुख़ हवाओं का जिधर का है, उधर के हम हैं पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता है अपने ही घर में, किसी दूसरे घर के हम हैं वक़्त के साथ है मिट्टी का सफ़र सदियों से किसको मालूम, कहाँ के हैं, किधर के हम हैं जिस्म से रूह तलक अपने कई आलम हैं कभी धरती के, कभी चाँद नगर के हम हैं चलते रहते हैं कि चलना है मुसाफ़िर का नसीब सोचते रहते हैं, किस राहगुज़र के हम हैं गिनतियों में ही गिने जाते हैं हर दौर में हम हर क़लमकार की बेनाम ख़बर के हम हैं -निदा फ़ाज़ली ©Sonu Prajapati #bestgajal #JagjitSingh #Love #romentic #MessageToTheWorld Mukul Pal Priyanka Sahwal rukmani chaurasia Zainab Khan Miss Poonam