जीवन तो इन्द्रधनुष -सा है सतरंगी छटा को समेटे है कभी हर्ष-उल्लास से हरा है कभी प्रेम रंग से रंगा लाल है कभी शांति का सफ़ेद रंग ओढ़े है कभी चिंता तनाव से रंगा काला है कभी मन में उठने वाले भावों सा पीला, नीला, सुनहरी, चमकीला है हर रंग की छटा ज़िंदगी के कैनवस पर है कोई रंग हल्का,कोई गहरा,कोई धुँधला है! 🌹 दीदी के साथ रंग कविता 🤗🌹 तो आइए, आज #yopodimo में एक #कलरपोएम (रंग कविता) लिखते हैं। जिसमें रंगों के ज़िक्र से मनोभावों अथवा घटना का चित्रण करना है। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi