सब देवों में देव निराले सदा भक्तों के रखवाले गणपति जी सबके प्यारे शिव गौरी के राज दुलारे भोली और प्यारी सूरत विघ्न हरण मंगल मूरत मोदक इन्हें बहुत ही भाते बड़े खुश होकर के खाते पहले पूजा होती तुम्हारी करते है मूषक की सवारी ऋद्धि सिद्धि के हो दाता हम भक्तों के भाग्यविधाता गणेश चतुर्थी जब भी आए बड़े प्यार से सब है मनायें जिनके घर गणेशा आते मंगल ही मंगल कर जाते “वशिष्ठ“ खड़ा आपके द्वारे देवा कुबुद्धि का करो संहारे दु:ख संताप मिटते है सारे भक्त लगाते जय जयकारे Happy#GaneshChaturthi #Harshpoetry