हम छोड़ आये थे शहर की चकाचौंध में जो घर गाँव का वो घर अब भी राह तक़ता है मेरी कि शायद उसकी मिट्टी में मिलने से पहले स्पर्श करूं मैं उसकी दीवारों को वो जी ले कुछ पल फ़िर मेरे साथ बीते हुए कल के मुक्त कर दूं उसे अपनी बचपन की यादों से और वो चैन से जमींदोज हो सके... #मिट्टी #दीवारों #लम्हों #गांव #बचपन #चैन #जमींदोज #चकाचौंध