इस वर्ष 7 नवंबर 2022 को वैकुंठ चतुर्दशी पर्व पड़ रहा है।
भगवान शिव जी ने श्री विष्णु के तप से प्रसन्न होकर इस दिन पहले विष्णु और फिर उनकी पूजा करने वाले हर भक्त को वैकुंठ प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया था। इस संबंध में ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरे मनोभाव से वैकुंठाधिपति भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और वैकुंठ धाम में निवास प्राप्त होता है।
सनातन धर्म में माना जाता है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष कि चतुर्दशी को हेमलंब वर्ष में, अरुणोदय काल में, ब्रह्म मुहूर्त में स्वयं भगवान विष्णु ने वाराणसी में मणिकर्णिका घाट पर स्नान किया था तथा पाशुपत व्रत कर विश्वेश्वर ने यहां पूजा की थी।
हिन्दू धर्म में वैकुंठ लोक भगवान श्री विष्णु का निवास व सुख का धाम माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक वैकुंठ लोक चेतन्य, दिव्य व प्रकाशित है। इस शुभ दिन के उपलक्ष्य में भगवान शिव तथा विष्णु की पूजा की जाती है। इसके साथ ही व्रत का पारण किया जाता है। इतना ही नहीं तभी से इस दिन को 'काशी विश्वनाथ स्थापना दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
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