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ये लाखो दिलो की आवाज है, किसी की याद है कुछ दीवानो

ये लाखो दिलो की आवाज है,
किसी की याद है कुछ दीवानों का साज है।
कभी ढलता सूरज तो कभी नई सुबह का आगाज़ है,
मां है बाप है रोम रोम का जाप है।
मैं दुनियां में कहीं भी रहूं,मेरे रग रग में प्रयागराज है।
मेरी सांसों में बसा इलाहाबाद है।

©SANJAY KUMAR
  #BadhtiZindagi #प्रयागराज