मेरे मोहल्ले की तंग गलियों से तेरा अब गुज़रना नहीं होता। चलो कोई नया घर ढूँढते हैँ। है सफ़र तनहा और इस शहर में है धुप बहुत कोई नया शहर ढूँढते हैँ।। - क्रांति #सफर