#OpenPoetry सब कुछ सिखा हमने पर किसीं के दिल से खेलना नाही सिखा ना किसीं को रुलाना सबको मनाते मनाते ऐसें थक गये हम की एक दिन हमारे दिल का ही बन गया इक खीलोना देखो और आगे भेजो